Shilpa modi

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सच्ची तेरी कसम

सच्ची तेरी कसम
तुझ पर जान निसार करने लगे हैं हम
थोड़ा सा वक्त ही माँगा है
समंँदर नहीं मांँगा
जो इतने इतराते हो सनम
परछाई बनकर चलेंगे संग संग
कसमे वादे निभाएंँगे जो तुमसे किया है मैने सनम
कभी धूप तो कभी बादल की छाँव बनेंगे हम
जिंंदगी कितनी खूबसूरत होती है
आओ न फिर से जी ले इस जिंंदगी को हम
जिंंदगी अगर विष का प्याला है
तो अमृत बनाकर  पी लेंगे हम
सच्ची तेरी कसम
तुझे दिलो जान से चाहने लगे हम
आओ मिलकर एक समां कर ले हम

शिल्पा मोदी✍️✍️

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16 Comments

Sushil Kumar Pandey

10-Dec-2021 11:13 AM

बहुत सुंदर लिखा है आपने दीदी जी

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Shilpa modi

03-Jun-2021 03:20 PM

थैंक्यू जी

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Natash

03-Jun-2021 11:02 AM

अति उत्तम कविता शिल्पा जी

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Shilpa modi

10-Dec-2021 11:59 AM

बहुत आभार आपका नतश जी

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